Tuesday, October 7, 2008
अंबिका को दुबारा हुआ ढाई साल पुराना आश्चर्य !
केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री अंबिका सोनी को ढाई साल बाद दुबारा आश्चर्य हुआ। इस बार आश्चर्य ढाई साल बाद भी जलियांवाला बाग के शहीदों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं मिल पाने को लेकर था। वह बाग ट्रस्ट की सदस्य भी हैं। 14 अप्रैल 2006 को जलियांवाला बाग के शहीदों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नहीं होने बारे पहली बार खुलासा हुआ था। 24 अप्रैल 2006 को अंबिका सोनी वर्तमान हैसियत में ही अटारी बार्डर पर सुविधाओं के विकास कार्यक्रम में पहुंची थीं। नीम चमेली होटल को अमन - उम्मीद के नए नाम से नया रूप देने का उद्घाटन कर गईं। पहले तो उन्होंने मानने से इंकार कर दिया था कि जलियांवाला बाग के शहीदों को फ्रीडम फाइटर का दर्जा नहीं है। बाद में आश्चर्यचकित हो गई थीं। अब दिसंबर 2006 से बाग ट्रस्ट में मंत्री की हैसियत से मेंबर भी हैं। ढाई साल बाद अमन - उम्मीद (टूरिस्ट कंप्लेक्स) तैयार हो गया। अंबिका सोनी फिर उद्घाटन करने अमृतसर पहुंचीं। आजादी के 61 बाद जलियांवाला बाग के शहीदों की आत्माओं ने उन्हें फिर आश्चर्यचकित कर दिया हैं । दावे के अनुसार उन्हें दुख है कि अभी भी दर्जा नहीं मिला। पिछले दो-तीन दिनों से शहीदों को फ्रीडम फाइटर का दर्जा दिलाने के प्रयास में लग गई हैं। मानव संसाधन और गृह मंत्रालय से संपर्क साधा है। उनके हाथों में दस्तावेज भी सौंप दिए गए थे। हर पन्ना बोल रहा था, शहीद अभी भी फ्रीडम फाइटर नहीं। परंतु क्या इन शहीदों को अब सिर्फ मंत्री जी का ही आसरा है ? ढाई साल के लिए वह फिर याद भूल गईं तो! पता नहीं अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद कौन सत्ता पर काबिज हो जाए। क्या जरूरी नहीं कि देशवासी जागें और अपने शहीदों को सम्मान दिलाएं। हर वर्ग में देशभक्ति का जजबा जगाएं।
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1 comment:
Sundar, Sateek, aur Sahi. lagta hai madam ji next 10 saal tak ashccccharya karti rahengi....aur aascharya ki baat nahi ki ye log aur raaj kare!!!
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